वर्णनात्मक शैली किसे कहते हैं? Varnatmak Shaili Kise Kahate Hain?

वर्णनात्मक शैली किसे कहते हैं? Varnatmak Shaili Kise Kahate Hain? दोस्तों बहुत सारे लोगों को निबंध लिखना बहुत अच्छा लगता है और वह खुद को और अपने पाठकों को आनंदित करने के लिए कई प्रकार के निबंधों को लिखते हैं, जिससे वह खुद भी आनंदित महसूस करते हैं और अपने पाठकों को भी आनंदित होने का अवसर प्रदान करते हैं।

इसलिए बहुत सारे लोगों की डिमांड थी, कि वर्णनात्मक शैली किसे कहते हैं, इस पर एक आर्टिकल लिखा जाए, इसीलिए लोगों की सहायता करने के लिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से वर्णनात्मक शैली किसे कहते हैं, इसके बारे में बताएंगे और इसके साथ ही वर्णनात्मक शैली के निबंध को लिखने के लिए हम आपको एक सैंपल भी लिखकर बताएंगे, जिसकी सहायता से आप आसानी के साथ वर्णनात्मक शैली के निबंध को लिख सकते हैं।

वर्णनात्मक शैली किसे कहते हैं? Varnatmak Shaili Kise Kahate Hain?

Varnatmak Shaili Kise Kahate Hain
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वर्णनात्मक शैली उस शैली को कहते हैं, जिसमें लेखक किसी विषय के बारे में विस्तार से जानकारी देता है, जिससे पाठकों को उस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।

इसमें लेखक अपनी भावनाओं अनुभवो और अनुभूतियों को भी सम्मिलित करता है, जिससे वर्णनात्मक शैली के निबंध पढ़ने में और अधिक रोचक लगते हैं।

उदाहरण के लिए, मौसम का विवरण, ताजमहल का वर्णन तथा एक खेल के अनुभव का वर्णन आदि वर्णनात्मक शैली का निबंध है।

वर्णनात्मक शैली क्या है? | वर्णनात्मक का अर्थ 

वर्णनात्मक शैली लेखन शैली का एक ऐसा विस्तृत क्षेत्र है जिसमें किसी विषय अथवा घटना की रचना करते समय उसमें भाव और बुद्धि तथा कल्पना पक्ष का समावेश किया जाता है। इस प्रकार वर्णनात्मक का अर्थ किसी घटना अथवा विषय का वर्णन करना है।

वर्णनात्मक पाठ की विशेषताएं 

अगर वर्णनात्मक पाठ की विशेषताओं की बात की जाए; तो इसकी कई विशेषताएं हैं मुख्य रूप से घटना चक्र को समझने में आसान बनाता है।

वर्णनात्मक पाठ में घटना चक्र को इस प्रकार से बताया जाता है अथवा वर्णन किया जाता है कि पढ़ने वाले व्यक्ति को कल्पना के माध्यम से वह विषय समझ में आ जाता है।

इसी के साथ साथ वर्णनात्मक पाठ में लेखन की शुद्धता स्पष्टता पर काफी ज्यादा ध्यान दिया जाता है।

लेखन की वर्णनात्मक और व्याख्यात्मक शैली में क्या अंतर है? 

चलिए अब हम जानते हैं कि लेखन की वर्णनात्मक और व्याख्यात्मक शैली में क्या अंतर है? सबसे पहले व्याख्यात्मक शैली की बात की जाए तो व्याख्यात्मक शैली के लेखन में तथ्यों को सामने रखा जाता है।

आप पाठ्य पुस्तकों, व्यावसायिक लेखन, निबंध और निर्देशन तथा पत्रकारिता के व्याख्यात्मक शैली के लेखन में देख सकते हैं कि उसमें किस प्रकार से तथ्यों को सामने रखा जाता है।

वहीं दूसरी ओर वर्णनात्मक शैली के लेखन में विवरण के माध्यम से घटनाचक्र की छवियों को उद्घाटित किया जाता है, आप इसे कविता और पत्रिका लेखन तथा विज्ञापनों में देख सकते हैं।

वर्णनात्मक शैली का निबंध

भारतीय किसान:

भारत एक कृषि प्रधान देश है। हमारे देश के एक महान व्यक्ति ने एक बार कहा था, कि भारत गांव की भूमि है और किसान देश की आत्मा है।

भारतीय किसान हमारे देश का अन्नदाता होता है। हमारे जीवन की मूल आवश्यकता भोजन होती है, हम भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। इस भोजन को देने वाला किसान ही होता है। वह साल भर मेहनत करके अपने खेतों में अनाज को पैदा करता है और उसके बाद से वह अपने अनाज को सरकार को बेचता है, जिससे सरकार लोगों के पास उस अनाज को पहुंचा पाती है।

हमारे देश में किसानों को रीढ़ की हड्डी कहा जाता है, किसी भी भारतीय किसान का जीवन अत्यंत कठिन होता है, किसानों के लिए लाभ हानि, सुख-दुख, सर्दी गर्मी सब एक समान है।

खेती उसके जीवन का अभिन्न अंग होता है, किसान सच्चा कर्म योगी होता है, किसी ने सही ही कहा है, कि भारतीय कृषि मानसून का जुआ है, यदि वर्षा सही समय पर होती है, तो कई बार पैदावार अच्छी होती है तथा कभी-कभी बरसात और सूखा पड़ने की वजह से पैदावार अच्छी नहीं होती है, जिसकी वजह से बहुत सारे किसान आत्महत्या भी कर लेते हैं और इससे हमारे देश के बहुत सारे गरीब किसानों को कई दिन बिना खाना खाए ही अपना जीवन व्यतीत करना पड़ता है।

किसान सूरज निकलने से पहले ही उठ जाता है और अपने खेतों में जाकर यह सुनिश्चित करता है, कि कोई भी जानवर अथवा व्यक्ति उसके खेत में घुसकर उसके फसल को कोई नुकसान न पहुंचा सके, जिससे उसके द्वारा बोए गए अनाज सुरक्षित रहें।

किसान धरती को अपनी माता मानकर पूजा करता है, किसान अन्य लोगों की तुलना में बहुत अधिक कठिन परिश्रमी होते हैं और वह दिन रात मेहनत करके फल और सब्जियों को उगाते हैं, किसान अपने खेतों की अच्छी तरह से जुताई करना बीज डालना, फसल में से अनावश्यक खरपतवार को निकालना, खेतों में खाद डालना जैसे प्रमुख कार्यों को करते है।

जब फसल तैयार हो जाता है, तो किसान उसकी कटाई भी करता है तथा अनाज को मंडी अथवा बाजार में बेचकर अपने परिवार की आवश्यकता को पूरा करता है। इसके अलावा गाय, भैंस किसानों के बहुत अच्छे दोस्त होते हैं, इसीलिए किसान दिन-रात इनकी भी देखरेख करते हैं और कम संसाधन होने के बावजूद इनके खाने पीने में कोई कमी नहीं करते हैं।

किसान सेवा और त्याग की मूर्ति होते हैं, बहुत सारे किसान ऐसे होते हैं, जिनके पास पहनने के लिए अच्छे कपड़े भी नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी वह अपने परिवार के लोगों का पालन करने के लिए फटे पुराने कपड़े में ही अपना गुजारा करते हैं और अपने बच्चों को अच्छा कपड़ा, अच्छा खाना और अच्छे स्कूल में पढ़ाने के लिए खेतों में दिन रात मेहनत करते हैं, जिससे उनके परिवार और बच्चों को कोई तकलीफ ना हो सके।

पहले भारतीय किसान बहुत कम पढ़े लिखे होते थे, इसीलिए उन्हें कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती थी और लोगों को अपने खेतों में ही काम करना पड़ता था, लेकिन आज के समय में बढ़ते हुए शिक्षा के प्रसार से किसानों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है।

आज का भारतीय किसान सही गलत कार्यों की पहचान रखता है और अंधविश्वास से दूर रहता है, वह पहले की तुलना में बहुत अधिक जागरूक हो गया है। पहले के समय में बहुत सारे किसान बैल से जुताई करते थें, लेकिन आज के समय में वह जुताई करने के लिए ट्रेक्टर का उपयोग करते हैं, इसके अलावा वह अपने खेतों में पानी चलाने के लिए ट्यूबेल का इस्तेमाल करते हैं। 

किसानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी बहुत सारी योजनाएं लाई है, जिसका फायदा गरीब किसानों को मिलता है, सरकार किसानों को रासायनिक खाद, उत्तम बीज और मशीन खरीदने में सहायता करती है और किसान इन सुविधाओं का लाभ उठाकर अपने देश के लिए योगदान देने की कोशिश करते हैं।

आज के समय में बढ़ते हुए आधुनिक यंत्रों के कारण किसानों के लिए काम करना आसान हो गया है, जिससे किसानों को बहुत कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उनका कीमती समय बच जाता है, जिससे वह अपने परिवार को भी समय दे पाते हैं अथवा अन्य कामों को भी कर पाते हैं।

आज के समय में कोई भी किसान अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए कृषि विभाग की हेल्पलाइन नंबर अथवा कृषि कॉल सेंटर पर कॉल कर सकता है और खेती से जुड़े हुए सवालों को पूछ सकता है, इसके अलावा आज के समय में बहुत सारे ऐसे एप्लीकेशन भी आ चुके हैं, जिसकी सहायता से आपको कम पैदावार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए तकनीक बताई जाती है, जिसका इस्तेमाल करके आप कम मेहनत में अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

इन सब कारणों से किसानों के जीवन में बहुत अधिक बदलाव आया है, वर्तमान समय में किसानों की आर्थिक स्थिति में भी बहुत अधिक परिवर्तन हुआ है। किसान हमारे देश की माटी के सच्चे पुत्र होते हैं, कृषि प्रधान देश में भारत में किसानों का बहुत अधिक महत्व है, किसान समाज का सच्चा हितैषी और देश की रीढ़ की हड्डी है।

इसीलिए हम सब भारतीय का कर्तव्य है, कि हम अपने देश के किसानों के प्रति आदर सम्मान का भाव रखें तथा जरूरत पड़ने पर किसानो की सहायता के लिए भी सदैव तत्पर रहें।

जिस दिन हमारे देश के किसान अपने आप को संपन्न महसूस करने लगेंगे, उस दिन हमारे देश का डंका पूरे विश्व में बजेगा, जिससे हमारा देश तेजी से प्रगति की ओर आगे बढ़ेगा।

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Conclusion – Varnatmak Shaili Kise Kahate Hain?

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया, कि वर्णनात्मक शैली क्या होता है तथा इसमें किस तरह के निबंध लिखे जा सकते हैं।

इसके अलावा हमने इस आर्टिकल में वर्णनात्मक शैली के निबंध को लिखने के लिए एक सैंपल भी दिया है, जिसकी सहायता से आप बड़े ही आसानी के साथ वर्णनात्मक शैली के निबंधों को लिख सकते हैं, तथा लोगों के मन में वर्णनात्मक शैली के निबंधों को पढ़ने के लिए एक जिज्ञासा उत्पन्न कर सकते हैं।

उम्मीद करते हैं, आपको यह आर्टिकल पढ़कर वर्णनात्मक शैली क्या होता है, इसके बारे में पूरी जानकारी मिली होगी।

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